राम राम दोस्तों, मै वैभवनाथजी इस वेबसाईट में आपका स्वागत
करता हूँ. आज हम बात करते है जन्म कुंडली में गंडमूल दोष की सिद्ध निवारण विधि के
बारेमे !
ज्योतिष विद्या वेद का तीसरा नेत्र कही जाती है
! एक बात जान लीजिये कुंडली में कैसा भी योग क्यों न हो?
हमें उस योग से डरना नहीं है क्योंकि ग्रह सदैव कर्मो के आधार पर फल देते है
! आज हम आपको एक सरल उपाय बता रहे है इस उपाय से कैसा भी गण्डमूल क्यों न हो शांत हो जाता है
!
पहले आप यह जान लीजिये कि गण्डमूल क्या है?
ज्योतिष के अनुसार २७ नक्षत्र है
! इन २७ नक्षत्रो में से ६ नक्षत्र ऐसे है जिनमे यदि किसी का जन्म हो जाये तो उसे गण्डमूल कहा जाता है
! इनमे से तीन नक्षत्र केतु के प्रभाव में आते है और तीन नक्षत्र बुध के प्रभाव में आते है
! मघा, मूल, ज्येष्ठा, अश्विनी, अश्लेशा, रेवती इन नक्षत्रो में जन्म लेने वाला गण्डमूल से पीड़ित होता है
! जैसे ही गण्डमूल में बच्चा पैदा हो आप बच्चे के पिता को उसका मुख न देखने दे और पिता कि जेब में फिटकड़ी का टुकड़ा रखवा दे
! अब २७ दिन तक प्रतिदिन २७ मूली पत्तो वाली बच्चे के सिर कि तरफ रख दे और दुसरे दिन चलते पानी में बहा दे
!
इस प्रयोग से कैसा भी गण्डमूल हो शांत हो जायेगा पर बच्चे के पिता को २७ दिन मुख न देखने दे
! एक बात समझ ले मूली के पत्ते बुध होते है क्योंकि उनका रंग हरा होता है और मूली का स्वाद कसैला होता है जो केतु का प्रतीक है
! इस उपाय को लगातार २७ दिन कीजिये आशा करता हूँ इस उपाय से आप सबको लाभ होगा
! हमने यह उपाय बहुत बार आजमाया है ! आप
भी अजमाकर देख लिजिए और जनकल्याण करे.
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जय सद्गुरुदेव