राम राम दोस्तों, मै वैभवनाथजी इस वेबसाईट में आपका स्वागत
करता हूँ. आज हम बात करते है हर प्रकार के कालसर्प दोष की सिद्ध निवारण विधि
की. पर सबसे पहले यह जानते है की काल सर्पयोग है क्या?
काल सर्पयोग से जितना लोग डरते है उतना डरने की कोई बात नहीं क्योंकि काल सर्पयोग सदैव बुरा फल नहीं देता
! काल सर्पयोग
12 प्रकार के होते है
!
प्रत्येक काल सर्पयोग के अपने लाभ और नुकसान है
! यहाँ पर पूरा विवरण देना बात को लम्बा खींचना होगा,
काल सर्पयोग का उपाय बहुत सरल है
! मान लीजिये पहले घर में राहू और सातवे घर में केतु है और बाकि सभी ग्रह दुसरे से लेकर पंचम भाव में बैठे है तो यह अनंत काल सर्पयोग है
! अब यदि किसी ग्रह जैसे मंगल या शनि की स्थापना दशम भाव में कर दी जाये तो काल सर्पयोग खंडित हो जाता है,
पर यह उपाय बहुत लम्बा है इसलिए आपको सरल उपाय बता रहे है !
|| उपाय
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एक कांसे की कटोरी ले,
उसमे देसी घी में बना हलवा डाल दे और दो चांदी के साँप डाल दे और सरसों का तेल भी डाल दे ;
फिर अपने सिर से सात बार उतार ले और किसी शनि मंदिर में रख आये
! यह उपाय आपको तीन महीने में तीन बार करना है
! मतलब महीने में एक बार इससे किसी भी प्रकार का काल सर्पयोग हो शांत हो जाता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है
! हमने इस उपाय को कई बार आजमाया है
! आप भी इसका लाभ उठाये
!
विशेष
सावधानी :- यह उपाय करते वक़्त एक बात का ध्यान रखे की शनिदेव के चरणों की तरफ ही
देखे आँखों की तरफ भूल कर भी ना देखे वरना
नुकसान हो सकता है !
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जय सद्गुरुदेव