राम राम दोस्तों, मै वैभवनाथजी इस वेबसाईट में आपका स्वागत
करता हूँ. आज हम बात करते है जन्म कुंडली में चन्द्र ग्रहण दोष की सिद्ध निवारण
विधि के बारेमे. हमारे ज्योतिष शास्त्रों ने चंद्रमा को चौथे घर का कारक माना है !
यह कर्क राशी का स्वामी है ! चन्द्र ग्रह से वाहन का सुख सम्पति का सुख विशेष रूप
से माता और दादी का सुख और घर का रूपया पैसा और मकान आदि सुख देखा जाता है !
चंद्रमा दुसरे भाव में शुभ फल देता है और अष्टम भाव में अशुभ फल देता है
! चन्द्र ग्रह वृषव राशी में उच्च और वृश्चक राशी में नीच का होता है
! जन्म कुंडली में यदि चन्द्र राहू या केतु के साथ आ जाये तो वे शुभ फल नहीं देता
! ज्योतिष ने इसे चन्द्र ग्रहण माना है !
यदि जन्म कुंडली में ऐसा योग हो तो चंद्रमा से सम्बंधित सभी फल नष्ट हो जाते है माता को कष्ट मिलता है घर में शांति का वातावरण नहीं रहता जमीन और मकान सम्बन्धी समस्या आती है
! हम यहाँ चन्द्र ग्रहण का एक आसान उपाय बता रहे है इसे चन्द्र ग्रहण के मध्य काल में करे
!
नोट:- यह सभी उपाय चन्द्र ग्रहण के मध्य काल में करे
! ऐसा करने से चन्द्र ग्रहण का बुरा प्रभाव आपकी जन्म कुंडली से समाप्त हो जायेगा
!
विशेष सावधानी:- इन उपायों को करते हुए एक बात का ध्यान रखे की भूलकर भी चन्द्र की तरफ ना देखे !
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जय सद्गुरुदेव