31 August 2018

ऊपरी बाधा नाशक यंत्र | Upari Badha Nashak Yantra


       राम राम दोस्तों, मै वैभवनाथजी इस वेबसाईट में आपका स्वागत करता हूँ. आज हम बात करते है ऊपरी बाधा नाशक यंत्र की


यंत्र लिखनेके नियम:-


१.       आपको आपके गुरुदेव, ईश्वर और जो यंत्र आप लिख रहे हो उस पर पूर्ण श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए.
२.       यंत्र लिखते वक्त आपको जन्म / मरण का सूतक या घरमे किसी महिला को माहवारी ना चल रही हो.
३.       यंत्र लिखते वक्त आप नहा धोकर पूर्ण रूपसे पवित्र और शुचिर्भुत होने चाहिए.
४.       यंत्र को किसीभी शुभ दिन / मुहूर्त में सुबह के वक्त नित्य पूजा के बाद घरके मंदिर में बैठकर लिखे.
५.       यंत्र को लिखने के लिए अनार, सोना या चांदी की  कलम का इस्तेमाल करे.
६.       यंत्र में अगर अंक दिए गए हो तो सबसे पहले छोटा अंक लिखे बादमे उससे बड़ा फिर उससे बड़ा.
७.       यंत्र लिखने के बाद उसे धुप दीप दिखाकर यंत्र की पूजा करनी चाहिए और आपके गुरुदेव और ईश्वर से प्रार्थना करे की जिस कार्य के लिए आपने यंत्र बनाया हो वो कार्य संपन्न हो और आपको यंत्र का पूर्ण प्रभाव मिले.

       नोट:- यंत्रोंके हिसाब से यंत्र किस चीज पर लिखना है, किस वक्त लिखना है, कौनसी स्याही इस्तेमाल करनी है, कौनसी कलम इस्तेमाल करनी है, कौनसी दिशा में मुह करना है. यह सब बदलता रहता है.




|| विधि ||

       यह यंत्र किसीभी शुभ दिन / मुहूर्त में अष्टगंध और अनार की कलम से भोजपत्र पर लिखकर जिसको ऊपरी बाधा हुई हो उसके गलेमे पंचरंगी धागेसे बांधे.  


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जय सद्गुरुदेव

30 August 2018

कुंडली में गंडमूल दोष है तो यह उपाय करें | Kundali Me Gandmul Dosh Hai To Yah Upay Kare


राम राम दोस्तों, मै वैभवनाथजी इस वेबसाईट में आपका स्वागत करता हूँ. आज हम बात करते है जन्म कुंडली में गंडमूल दोष की सिद्ध निवारण विधि के बारेमे ! 

ज्योतिष विद्या वेद का तीसरा नेत्र कही जाती है ! एक बात जान लीजिये कुंडली में कैसा भी योग क्यों हो? हमें उस योग से डरना नहीं है क्योंकि ग्रह सदैव कर्मो के आधार पर फल देते है ! आज हम आपको एक सरल उपाय बता रहे है इस उपाय से कैसा भी गण्डमूल क्यों हो शांत हो जाता है

पहले आप यह जान लीजिये कि गण्डमूल क्या है? ज्योतिष के अनुसार २७ नक्षत्र है ! इन २७ नक्षत्रो में से नक्षत्र ऐसे है जिनमे यदि किसी का जन्म हो जाये तो उसे गण्डमूल कहा जाता है ! इनमे से तीन नक्षत्र केतु के प्रभाव में आते है और तीन नक्षत्र बुध के प्रभाव में आते है ! मघा, मूल, ज्येष्ठा, अश्विनी, अश्लेशा, रेवती इन नक्षत्रो में जन्म लेने वाला गण्डमूल से पीड़ित होता है ! जैसे ही गण्डमूल में बच्चा पैदा हो आप बच्चे के पिता को उसका मुख देखने दे और पिता कि जेब में फिटकड़ी का टुकड़ा रखवा दे ! अब २७ दिन तक प्रतिदिन २७ मूली पत्तो वाली बच्चे के सिर कि तरफ रख दे और दुसरे दिन चलते पानी में बहा दे

इस प्रयोग से कैसा भी गण्डमूल हो शांत हो जायेगा पर बच्चे के पिता को २७ दिन मुख देखने दे ! एक बात समझ ले मूली के पत्ते बुध होते है क्योंकि उनका रंग हरा होता है और मूली का स्वाद कसैला होता है जो केतु का प्रतीक है ! इस उपाय को लगातार २७ दिन कीजिये आशा करता हूँ इस उपाय से आप सबको लाभ होगा ! हमने यह उपाय बहुत बार आजमाया है ! आप भी अजमाकर देख लिजिए और जनकल्याण करे.

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 जय सद्गुरुदेव