18 February 2018

पति परमेश्वर साधना | Pati Parmeshwar Sadhana



राम राम दोस्तों, मै वैभवनाथजी इस वेबसाईट में आपका स्वागत करता हूँ. आज हम बात करते है पति परमेश्वर साधना की इस साधना से सती अनुसूया ने महानता को प्राप्त किया और ब्रह्मा विष्णु महेश को अपना बालक बना लिया | यह साधना स्त्रियो के लिए नहीं अपितु पुरुषों के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक पुरुष में एक स्त्री छुपी होती है इसीलिए संत अक्सर कहते है कि ईश्वर हमारे पति है और हम सब उनकी पत्नियाँ |

पति ही परमेश्वर है, इसका अर्थ अक्सर हम लोग गलत लगाते है क्योंकि पति परमेश्वर नहीं है बल्कि जो परमेश्वर है वे ही हमारे पति है | इसलिए ईश्वर को जगतपति कहा जाता है | यह सारी सृष्टि योनियो से भरी पड़ी है प्रत्येक पुरुष भी एक योनी है , लिंग रूप तो केवल भगवान शिव ही है क्योंकि हम सभी मनुष्य है और मनुष्य भी एक योनी है जितने भी पेड-पौधे और पशु-पक्षी है वह भी एक योनी है कोई भी योनी से मुक्त नहीं है |

योनियो से तो एकमात्र शिव ही मुक्त है, इसलिए शिव को अजन्मा कहा जाता है | भगवान शिव लिंग रूप है और वे ही जगतपति है , वे ही पशुपति और वे ही जगतनाथ है | प्रस्तुत साधना से भगवान शिव साधक को पति रूप में प्राप्त होते है  और मोक्ष प्रदान करते है | यह साधना केवल शैवों में नहीं बल्कि शाक्तो में भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है |

क्योंकि प्रत्येक साधक की इच्छा होती है कि वह अपने इष्ट का स्वरुप हो जाय और शाक्तों कि इष्ट शक्ति होती है | शक्ति अर्थार्त भगवान शिव की पत्नी | इस साधना के द्वारा शाक्त अपना सर्वस्व शिव को समर्पित कर देते है और भगवान शिव को अपना पति मान लेते है और शिव की पत्नी बन जाते है | ऐसा करने से उनमें शक्ति के गुण जाते है और वे शक्ति स्वरुप हो जाते है |

|| मंत्र ||

पति परमेश्वराय नमः
OM PATI PARAMESHWARAY NAMAH

|| विधि ||

      प्रतिदिन शिवलिंग का पूजन करे और शिवलिंग के पास बैठकर ५१ माला जाप करे | जाप ब्रह्म मुहूर्त में मतलब सुबह ४ बजे करे | ये साधना ४१ दिन करे.

      नोटविवाहित स्त्रियां अपने पति में ही शिव का दर्शन करे एवं अपने पति में ही शिव को खोजे , क्योंकि शिव सर्वत्र व्यापी है वे आपके पति में भी विद्यमान है |

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जय सद्गुरुदेव