राम राम दोस्तों, मै वैभवनाथजी इस वेबसाईट में आपका स्वागत
करता हूँ. आज हम बात करते है गृह क्लेश निवारण साधना की, हर घर एक मंदिर हो जहाँ सब घरवालों में आपस में प्रेम, सद्भाव और घनिष्ट संबंधों की डोर से बंधा हो ऐसा कौन नहीं चाहता ! मर्यादा की पालना, बड़ों का सम्मान और गृहस्थी का सुख एक आदर्श परिवार को बनाता है ! इस समय की यह मांग है कि हर घर में सुख शांति कायम हो इसीलिए
हम यह प्रयोग आप सभी श्रद्धालु भाई-बहनों के लिए दे रहे
है!
|| मंत्र ||
काला कलुआ काली रात, मैं बंगारा आधी रात
आवे ता आवे नहीं ता वीर वैताल की लत खाके गिर जावें,
कलुआ रे तु कैसा वीर, सुती को जगा, बैठे को उठा,
चले मंत्र फुररे बादशा
देखां कलुआ वीर तेरे ईल्म का तमाशा
आवे ता आवे नहीं ता वीर वैताल की लत खाके गिर जावें,
कलुआ रे तु कैसा वीर, सुती को जगा, बैठे को उठा,
चले मंत्र फुररे बादशा
देखां कलुआ वीर तेरे ईल्म का तमाशा
KAALA KALUA KAALEE RAAT MAI
BANGARA AADHEE RAAT AAVE TAA AAVE NAHI TAA VEER VAITAAL KEE LAT KHAAKE GIR
JAAVE KALUA RE TU KAISA VEER SUTEE KO JAGA BAITHE KO UTHA CHALE MANTRA PHURRE
BAADSHA DEKHA KALUA VEER TERE ILM KAA TAMASHA
|| विधि ||
होली की रात इस मंत्र का 2500 बार जाप करे ! एक तेल का दीपक जलता रहे और अपने सामने
5 लड्डू रखे ! मंत्र जाप समाप्त होने के बाद पांचो लड्डू उजाड स्थान में रख आयें !
|| प्रयोग विधि ||
इस मंत्र से 2500 बार जाप करके चीनी को अभिमंत्रित कर ले ! उस चीनी को अपने घर की चीनी में मिला दे और 5 लड्डू उजाड स्थान में रख आयें !
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जय सद्गुरुदेव