राम
राम दोस्तों, मै वैभवनाथजी इस वेबसाईट में आपका स्वागत करता
हूँ. आज हम बात करते है चिंतामणि लक्ष्मी साधना की
नोट:- कई लोग यह सोचते है की धनप्राप्ति साधना
करने पर जिस देवी या देवता की हम साधना कर रहे है वो हमारे सामने प्रकट होकर हमें
हीरे जवाहरात सोना चांदी या पैसे देंगे. पर ऐसा नहीं होता अगर धन चाहिए तो मेहनत
तो आपको करनीही होगी. अब आप कहेंगे की मेहनत ही करनी है तो साधना करनेकी क्या
आवश्यकता है तो साधना इसलिए करनी चाहिए क्योंकि साधना करनेसे अगर आप नोकरी करते है
तो आपकी प्रमोशन हो सकती है. व्यवसाय करते है तो आपके ग्राहक बढ़ सकते है. या फिर
इनकम के नए नए स्रोत प्राप्त हो जाते है.
जीवन में धन का स्थान कोई नहीं नकार सकता और धन के अभाव में आज के समय में जीवन मृत्यु से भी बुरा है ! ज्योतिष के आधार पर देखा जाये तो दूसरा भाव धन से सम्बन्ध रखता है और एकादश
भाव लाभ का होता है ! जिनका दूसरा और एकादश
भाव या इन भावों का मालिक
मजबूत स्तिथि में बैठा होता है तो व्यक्ति को धन की कोई कमी नहीं होती पर कई बार ऐसी जन्म कुंडली वाले जातक भी दुखी होते है क्योंकि उन पर किसी प्रकार का बुरा प्रयोग हो जाता है या किसी द्वारा करवा दिया जाता है !
ऐसे में ज्योतिष तो कहता है कि आप धनवान होंगे
पर आप पैसे पैसे के लिए मुहताज होते है ! इसके फलस्वरूप आपका विश्वास ज्योतिष से उठ जाता है ! हमारे
समाज में एक से एक ऐसे तांत्रिक भरे पड़े है जो पैसा लेकर किसी का भी बुरा कर देते है और ऐसे ही तांत्रिक कई बार धन के लालच में किसी के भी घर कि लक्ष्मी बांध देते है ! जिसके फलस्वरूप धन कब आता है कब चला जाता है पता ही नहीं चलता सारी मेहनत
की कमाई बीमारी के इलाज में लग जाती है ! आज इसी समस्या के समाधान के लिए चिंतामणि लक्ष्मी साधना प्रस्तुत है !
इस साधना को संम्पन करने के बाद आपको जीवन में कभी धन की कमी नहीं होगी ! आपकी आमदन के स्त्रोत खुल जायेगे और आपके व्यपार आदि में हो रहे घाटे लाभ में बदल जायेगे ! यह साधना अपने आप में एक अनोखी साधना है ! जो धन सम्बन्धी चिंता समाप्त ही करदे उसे चिंतामणि कहते है !
||मन्त्र ||
ॐ ह्रीं
श्रीम भगवती चिंतामणि सर्वार्थसिद्धिम देहि देहि स्वाहा !
OM HREEM SHREEM BHAGVATEE CHINTAMANI SARVARTHASIDDHIM DEHI DEHI SWAHA
किसी भी शुक्ल पक्ष के गुरुवार के दिन इस यन्त्र को रोली / कुंकुम से कागज़ पर बनाये और एक पीला कपडा बिछाकर उस पर विधिवत स्थापित करे घी का दीपक जलाये और सबसे पहले गुरु पूजन फिर गणेश पूजन फिर माँ लक्ष्मी और विष्णु जी का पूजन करे और प्राथना करे हे लक्ष्मी नारायण मेरी धन सम्बन्धी सभी समस्याओ का नाश कीजिये मै आपकी शरण में हूँ मेरी रक्षा
कीजिये.
नोट:-
यंत्र को लिखते समय सबसे छोटा अंक पहले लिखना चाहिए बादमे उससे बड़ा फिर उससे बड़ा.
और ३१ माला इस मन्त्र की जपे ! यह जाप आपको सुबह और शाम दोनों समय करना है अंतिम
दिन १००८ आहुति
साधारण हवन सामग्री में कमलगट्टे और पञ्च मेवा मिलाकर दे ! यह २१ दिन की साधना
है अंतिम दिन सभी सामग्री को बहते पानी में बहादे ! गुरुकृपा से आपकी सभी समस्याओ का नाश हो जाये ऐसी हमारी कामना है !
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जय सद्गुरुदेव