राम
राम दोस्तों, मै
वैभवनाथजी इस वेबसाईट में आपका स्वागत करता हूँ. आज हम बात करते है शीघ्र विवाह होने के यंत्र की
यंत्र लिखनेके नियम:-
१. सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है की आपके गुरु होने
चाहिए. गुरु बिना सफलता की कामना करना ही व्यर्थ है. साथ ही आपको आपके गुरुदेव,
ईश्वर और जो यंत्र
आप लिख रहे हो उस पर पूर्ण श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए.
२. यंत्र लिखते वक्त आपको जन्म / मरण का सूतक या
घरमे किसी महिला को माहवारी ना चल रही हो.
३. यंत्र लिखते वक्त आप नहा धोकर पूर्ण रूपसे
पवित्र और शुचिर्भुत होने चाहिए.
४. यंत्र को किसीभी शुभ दिन / मुहूर्त में सुबह
के वक्त नित्य पूजा के बाद घरके मंदिर में बैठकर लिखे.
५. यंत्र को लिखने के लिए अनार, चमेली, सोना या चांदी इ. की
कलम का इस्तेमाल
करे.
६. यंत्र में अगर अंक दिए गए हो तो सबसे पहले
छोटा अंक लिखे बादमे उससे बड़ा फिर उससे बड़ा.
७. यंत्र लिखने के बाद उसे धुप दीप दिखाकर यंत्र
की पंचोपचार पूजा करनी चाहिए और आपके गुरुदेव और ईश्वर से प्रार्थना करे की जिस
कार्य के लिए आपने यंत्र बनाया हो वो कार्य संपन्न हो और आपको यंत्र का पूर्ण
प्रभाव मिले.
नोट:-
यंत्र अक्सर भोजपत्र, कागज, ताम्रपत्र इ. पर
लिखे जाते है पर हर यंत्र के हिसाब से यंत्र किस चीज पर लिखना है, किस वक्त लिखना है,
कौनसी स्याही
इस्तेमाल करनी है, कौनसी
कलम इस्तेमाल करनी है, कौनसी
दिशा में मुह करना है. यह सब बदलता रहता है.
|| विधि
||
यह
यंत्र किसीभी शुभ दिन / मुहूर्त में हल्दी और मेहंदी में पानी मिलाके उसका पेस्ट
तयार करे और उस पेस्ट्से सफ़ेद कोरे कागज पर दाए हाथ की अनामिका उंगली से ६३ लिखे
और यंत्र को मोड़कर घर के मंदिर में रखनेसे विवाह में आनेवाली अडचने दूर होती है और
शीघ्र विवाह होता है. यह यंत्र हम कई लोगोंपर आजमा चुके है. आप भी इससे लाभ
उठाए.
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जय सद्गुरुदेव