19 July 2018

भुत प्रेत ऊपरी बाधा निवारक साधना | Bhut Pret Upari Badha Nivarak Sadhana


राम राम दोस्तों, मै वैभवनाथजी इस वेबसाईट में आपका स्वागत करता हूँ. आज हम बात करते है भुत प्रेत ऊपरी बाधा निवारक साधना की. यह साधना विजया दशमी मतलब दशहरे के दिन की जाती है.

|| मंत्र ||
नमो आदेश गुरु को,
धरती में बैठ्या , लोहे का पिंड राख लगाता ,
गुरु गोरखनाथ आवंता जावंता धावंता ,
हांक देत धार धार मार मार ,
शब्द सांचा फुरो वाचा
OM NAMO AADESH GURU KO,
DHARTEE ME BAITHYAA, LOHE KAA PIND RAAKH LAGATA,
GURU GORAKHNAATH AAVANTAA JAAVANTAA DHAAVANTAA,
HAANK DET DHAAR DHAAR MAAR MAAR,
SHABDA SAANCHAA FURO VAACHAA

|| विधि ||
        इस मंत्र को दशहरा की रात्रि में अधिक से अधिक जपे और अग्नि में घी की आहुतियाँ दे ! अग्नि गोबर के कंडे की होनी चाहिए !

|| प्रयोग विधि ||
        इस मंत्र को आवश्यकता पड़ने पर 108 बार जपे और गोबर के उपलों पर 108 आहुतियाँ दे ! निश्चित तौर पर आपकी भुत प्रेत आदि से सम्बंधित समस्याएँ नष्ट हो जाएँगी

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जय सद्गुरुदेव